हरियाणा सरकार ने खोले किसानों के लिए सरकारी खजाने के द्वार, 42 लाख कृृ‍षकों का मिला फायदा

 


चंडीगढ़, [ अनुराग अग्रवाल]।  Haryana Government Scheme for Farmers : हरियाणा की मनोहरलाल सरकार किसानों के हितों में कई योजनाएं लागू कर उनके विरोध को शांत करने में जुटी है। हरियाणा में तीन कृषि कानूनों के लंबे विरोध के बीच प्रदेश सरकार ने किसान कल्याण की योजनाओं पर सरकारी खजाने के द्वार खोल दिए हैं। प्रदेश सरकार का दावा है कि उसने राज्य के 42 लाख किसानों को करीब 11 हजार करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी है।

विभिन्‍न योजनाओं के तहत किसानों को दी गई त्‍वरित सहायता



राज्‍य सरकार ने प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना हो या फिर फसल बीमा योजना, भावांतर भरपाई योजना हो या फिर प्राकृतिक आपदा से खराब होने वाली फसल का मुआवजा सभी याेजनाओं के तहत किसानों को मदद दी। राज्य सरकार का कहना है कि प्रभावित किसानों को त्वरित लाभ प्रदान किए गए हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल किसान कल्याण की इन योजनाओं के क्रियान्वयन की स्वयं मानीटरिंग कर रहे हैं।


दिल्ली-हरियाणा बार्डर पर सात माह से चल रहे किसान जत्थेबंदियों के आंदोलन का स्वरूप भी अब बदल रहा है। गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पिछले दिनों इस आंदोलन को कांग्रेस की राजनीति से प्रेरित बताते हुए वास्तविक किसानों के कल्याण की योजनाओं को लागू करने पर जोर दिया है। आधा दर्जन से अधिक योजनाओं में राज्य के 42 लाख किसानों को सरकार अब तक 10 हजार 673 करोड़ रुपये की सहायता पहुंचा चुकी है।


प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि स्‍कीम के तहत 19 लाख 42 हजार किसानों काे मदद

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में 19 लाख 42 हजार किसानों को सरकार ने 2595 करोड़ रुपये की मदद दी है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत राज्य के 18 लाख 15 हजार किसानों को लाभान्वित किया जा चुका, जिन्हें 3961 करोड़ रुपये का मुआवजा प्रदान किया जा चुका है।

प्राकृतिक आपदा से फसल खराब होने की स्थिति में भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार ने 2765 करोड़ रुपये का मुआवजा प्रभावित किसानों को प्रदान किया है। इसमें पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा घोषित वह मुआवजा भी है, जो किसानों को समय से नहीं मिल पाया था।


भावांतर भरपाई योजना में 10.12 करोड़ रुपये की राहत राशि दी

भावांतर भरपाई योजना के तहत 4184 किसानों को 10.12 करोड़ रुपये की राहत राशि मिली है। भावांतर भरपाई योजना के तहत विभिन्न फसलों-सब्जियों के रेट निर्धारित किए जाते हैं। सरकार द्वारा निर्धारित रेट से कम रेट पर सब्जी या फसल बिकने की स्थिति में सरकार नुकसान की भरपाई करती है।

एकमुश्त निपटान योजना के तहत सहकारी ऋणों के कर्जदार चार लाख 10 हजार किसानों को सरकार ने 1315 करोड़ रुपये की राहत प्रदान की है। सरचार्ज माफी योजना का लाभ उठाने वाले किसानों की संख्या एक लाख 12 हजार 300 है, जिन्होंने 24 करोड़ रुपये का लाभ हासिल किया है। भूमिगत पाइप लाइन स्कीम के तहत 1957 किसानों को 8.34 करोड़ रुपये की राहत प्रदान की गई है।


बीजों की खरीद पर किसानों को छूट

हरियाणा सरकार किसानों को बीजों की खरीद पर भी छूट दे रही है। यह राशि एक हजार से चार हजार रुपये प्रति क्विंटल तक निर्धारित है।


यह है बीजों पर मिलने वाली छूट

गेहूं -    एक हजार रुपये प्रति क्विंटल। धान - एक हजार रुपये प्रति क्विंटल। जौ - डेढ़ हजार रुपये प्रति क्विंटल। तोरिया - चार हजार रुपये। सरसों - चार हजार रुपये। चना व दालें - ढाई हजार। बाजरा - डेढ़ हजार रुपये।

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फतेहाबाद व नूंह जिलों में विशेष जागरूकता अभियान



केंद्र सरकार द्वारा देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर इंडिया-75 अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत सात जुलाई तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए फसल बीमा सप्ताह का आयोजन किया गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देश पर कृषि मंत्री जेपी दलाल कृषि मंत्रालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए।


दालों की फसल भी होगी बीमा योजना में शामिल

हरियाणा सरकार अब किसान कल्याण के दो बड़े फैसले लेने पर विचार कर रही है। कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि पिछले दिनों उनकी केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से मुलाकात हुई थी। तब उन्होंने दालों को फसल बीमा योजना से जोड़ने की मांग रखी, क्योंकि हरियाणा में दालें काफी बड़े क्षेत्र में बोई जाती हैं।


दलाल ने बताया कि दूसरी योजना के तहत अगर किसी भी किसान की फसल को प्राकृतिक नुकसान होता है तो फसल बीमा कंपनियों द्वारा एक निश्चित तिथि तक उसका मुआवजा किसानों को प्रदान कर दिया जाना चाहिए। कई बार बीमा कंपनियां किसानों के देरी से भुगतान करती हैं। इन दोनों योजनाओं के बारे में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी किसान हित में हामी भरी है।

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